ISS छोड़ने से पहले ऐसे पैकिंग कर रही हैं सुनीता विलियम्स, NASA ने शेयर किया वीडियो

Sunita Williams and Butch Wilore
हैदराबाद: Sunita Williams and Butch Wilore: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सहित अंतरिक्ष यात्रियों का दल धरती पर लौटने के लिए तैयार है. स्पेसएक्स का कैप्सूल उन्हें लेकर रवाना हो चुका है और उनके भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर उतरने की उम्मीद है. इस 17 घंटे के सफर के दौरान, नासा ने आईएसएस में अंतरिक्ष यात्रियों की गतिविधियों का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे वापसी की तैयारियों में जुटे दिखाई दे रहे हैं.
वीडियो में निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव को सामान पैक करते, उपकरण इकट्ठा करते और हैच बंद करने की प्रक्रिया करते देखा जा सकता है. यह नजारा किसी घर को शिफ्ट करने से पहले की हलचल जैसा लग रहा है, जहां हर चीज को व्यवस्थित करने और सुरक्षित रखने की कोशिश की जा रही है.
नासा ने इस पोस्ट में बताया कि आईएसएस छोड़ने से पहले एस्ट्रोनॉट्स अपने सामान की पैकिंग और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. अंतरिक्ष में रहना जितना रोमांचक होता है, वहां से वापस लौटना उतना ही जटिल और तैयारी भरा काम होता है. एस्ट्रोनॉट्स को अपना गियर, प्रयोगों के नमूने और जरूरी उपकरण सावधानीपूर्वक पैक करने होते हैं, ताकि वापसी के दौरान कुछ भी खराब न हो.
भारतीय समय के मुताबिक, 18 मार्च सुबह 10:35 बजे स्पेसएक्स का यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अनडॉक किया गया. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की धरती पर वापसी होगी.
पूरा टाइमटेबल इस प्रकार है:
- 18 मार्च सुबह 08:15 बजे – हैच क्लोज (यान का ढक्कन बंद किया गया)
- 18 मार्च सुबह 10:35 बजे – अनडॉकिंग (आईएसएस से यान का अलग होना)
- 19 मार्च सुबह 02:41 बजे – डीऑर्बिट बर्न (वायुमंडल में यान का प्रवेश)
- 19 मार्च सुबह 03:27 बजे – स्प्लैशडाउन (समुद्र में यान की लैंडिंग)
- 19 मार्च सुबह 05:00 बजे – प्रेस कॉन्फ्रेंस (वापसी को लेकर NASA का आधिकारिक बयान)
स्पेस से लौटने के बाद क्या होंगे प्रभाव?
अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को नॉर्मल लाइफ में आने में कई महीने लग सकते हैं. NASA के मुताबिक, उनके शरीर में हड्डियों की घनत्व में कमी, मांसपेशियों की कमजोरी और संतुलन से जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं. लंबे समय तक गुरुत्वाकर्षण से दूर रहने के कारण शरीर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में समय लगता है.